ट्रैफिक जाम की वजह 3 साल के बीमार बच्चे की मौत

राजस्थान

राजस्थान के कोटा जिले में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहां एक 3 साल के बीमार बच्चे की मौत सिर्फ ट्रैफिक जाम की वजह से हो गई। बच्चा सर्दी-जुकाम से पीड़ित था, और उसे अस्पताल ले जाते समय उसके माता-पिता ने पुलिस से जाम खुलवाने की गुहार लगाई, लेकिन लगभग 3 घंटे तक जाम में फंसे रहने के कारण समय पर इलाज न मिलने से बच्चे ने बीच रास्ते में दम तोड़ दिया।

घटना कोटा जिले के रामगंजमंडी से कोटा जाने वाले नेशनल हाईवे-52 पर स्थित दरा नाल के पास की है। यह इलाका ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम है, जहां आए दिन भारी जाम लगता है। दरा नाल के सिंगल लेन पर जाम लगने से लोग घंटों फंसे रहते हैं। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब एक बीमार बच्चे को अस्पताल लेकर जा रहे उसके माता-पिता भारी ट्रैफिक जाम में फंस गए। परिवार ने बार-बार पुलिस से जाम खोलने की मदद मांगी, लेकिन करीब तीन घंटे तक जाम में फंसे रहने के कारण बच्चे की स्थिति गंभीर हो गई और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

मृतक बच्चे के पिता पप्पू लाल ने बताया कि उनका बेटा हरिओम सर्दी और बुखार से पीड़ित था। उन्होंने पहले उसे चेचट सरकारी अस्पताल में दिखाया था, लेकिन उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे कोटा रेफर कर दिया गया था। जब वे कोटा के लिए रवाना हुए, तो दरा नाल के पास ट्रैफिक जाम में फंस गए और समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाए, जिससे बच्चे की जान चली गई।

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है, क्योंकि उनका कहना है कि पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। लोगों का आरोप है कि पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने जाम में फंसी एंबुलेंस या अन्य वाहनों को प्राथमिकता नहीं दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जाम जल्दी खुलवाया जाता, तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।

घटना के बाद पुलिस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पुलिस का कहना है कि दरा नाल पर भारी ट्रैफिक जाम के दौरान पुलिस का जाप्ता तैनात किया गया था, और एंबुलेंस को प्राथमिकता के साथ जाम से बाहर निकाला जाता है। पुलिस ने बताया कि जाम के कारण हुई इस मौत की जांच की जा रही है और मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button